"E-Zindagi" Poem

"ए जिन्दी... मे तुझे अपनेआप मै भरलू।"
जिन्दगी मै आगे बढ़ने की चाहँ में,
लगता है कुछ छूट गया है पीछे।
बडे होने कि चाहँ मै छुट गया है बच्चपन।


जिंदगी का मतलब सिर्फ जिना या मरना नहीँ होता,
इसका मतलब होता हे कभीबी अपने होसोआबाज नहीँ खोना।
मुश्किले तो आएंगी ही राह में,
पर जो उसका डट कर मुकाब्ला करे
वही हिम्मतबाला कहलाता है और जो
दूसरोंको जीतासके वही असली विजेता कहलाता हे।


है आंखों में मेरे लाखो अरमान,
है आरूज़ु की भरलू ऊँची उड़ान,
हवासे बाते मे करलू,
आसमान को मे चुमलु,
ए जिन्दी, आ... मे तुझे अपनेआप मै भरलू।

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